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लेखनी कहानी -07-Jul-2022 डायरी जुलाई 2022

डायरी जुलाई 2022 : बरसात का मौसम 


सखि, 30 जून से यहां पर बरसात का मौसम आ गया है । ऊमस इतनी बढ गई है कि पूरा शरीर पसीना पसीना हो जाता है । जब तक ए सी में बैठे रहो तब तक ठीक वरना फिर से पसीना ऊपर से चलकर ठेठ नीचे तक आ जाता है । कूलर फेल हैं । ऐसे मौसम में बस ए सी ही सफल हो पाते हैं बाकी और कुछ नहीं । 

बरसात की छम छम बूंदें सरगम की लय पर नृत्य करने वाली षोडशी की तरह लगती हैं जो अपने पिया के हृदय में बैठकर अपनी सुध बुध खो देती है । बरसात व्यक्ति के अंदर छुपे हुए प्रेम को उभारने का काम करती है । हरियाली, नदी नालों में बहता पानी , झरनों का लयबद्ध संगीत , कोयल की कूक,  मस्ती में मस्त मयूर , क्षितिज पर उभरता इंद्रधनुष।  ये सब मिलकर रोमांस की ऐसी बारिश करते हैं कि श्रंगार रस की संपूर्ण यात्रा हो जाती है । 

बरसात में हादसे भी बहुत होते हैं । नदी नालों , झरनों में बहने के किस्से बहुत सुनाई देते हैं।  लोग पिकनिक मनाने जाते हैं और असावधानी वश किसी हादसे का शिकार हो जाते हैं । 

मैं तो इतना ही कहना चाहता हूं सखि कि बरसात में संभलकर रहने की जरूरत है । एक तो यह बरसात दिल में आग लगा देती है । दूसरे , बहुत सारे हादसों को निमंत्रण देती है । इसलिए इससे संभल कर रहने की जरूरत है सखि । बाकी बातें कल । अब नींद आ रही है । अच्छा तो अब चलते है सखि । 

हरिशंकर गोयल "
6.7.22 

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7 Comments

Radhika

09-Mar-2023 10:29 AM

Nice

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Gunjan Kamal

06-Mar-2023 08:47 AM

Nice

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Seema Priyadarshini sahay

08-Jul-2022 08:48 PM

Nice 👍

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